नन्दी शाला योजना (अनुदान पर प्रजनन योग्य देशी वर्णित गौसांड का प्रदाय)
योजना प्रारम्भ होने की दिनांक |
01.08.2006 |
योजना का विवरण |
1. ग्राम पंचायत स्तर पर प्रगतिशील पशुपालकों को अनुदान पर देशी वर्णित नस्ल गौ-सांड यथा साहीवाल,थरपारकर,हरियाणा,गिर,गौलव,मालवी,निमाडी,केनकथा आदि नस्ल के प्रदाय । |
हितग्राही (जैसे गरीबी रेखा के नीचे जीवन व्यापन करने वाले अथवा वरिष्ठ नागरिक नागरिक अथवा शिक्षार्थी आदि) |
सभी वर्ग के पशुपालक जिनके पास पर्याप्त कृषि भूमि के साथ न्यूनतम 5 गौवंशीय पशुधन या जिनके पास कृषि भूमि नही है किन्तु 20 या उससे अधिक पशु है। |
हितग्राही को होने वाले लाभ |
1. प्रति इकाई अनुदान 75 प्रतिशत सभी वर्ग के पशुपालक. 2. हितग्राही अंशदान 25 प्रतिशत |
योजना का लाभ कैसे लें (आवेदन की बिन्दूवार सम्पूर्ण प्रक्रिया) |
1. आवेदक संबंधित ग्राम पंचायत को आवेदन पत्र प्रस्तुत करेगा । |
लाभार्थी:
सभी वर्ग के हितग्राही, जिनके पास न्यूनतम 05 देशी गौ वंशीय पशु तथा हारा चारा उत्पादन हेतु भूमि उपलब्ध हो । भूमिहीन पशुपालको के पास कम से कम 20 गौ वंशीय पशु होना आवश्यक है ।
लाभ:
पशु पालक की स्वयं के पशुओ का नस्ल सुधार तथा प्राकृतिक सेवाओ के बदले सेवा राशि प्राप्त कर आर्थिक लाभ प्राप्त करना ।
आवेदन कैसे करें
पशुपालन विभाग की निकटतम पशु चिकित्सा संस्था से संपर्क कर आवकदन प्राप्त करे । हितग्राही अंश (25%) जमा करने हेतु संयुक्त खाता खोलकर पास बुक की छायाप्रति प्रस्तुत करने पर शासकीय अनुदान जमा किया जावेगा । सॉड प्राप्त होने पर बैंक खाते से राशि आहरित कर पशु प्रदायकर्ता को सोपी जावेगी।