निमाड़ में मुख्य रूप से अमाड़ी की भाजी, दाल-बाटी, पूरण पोली आदि व्यंजन लोकप्रिय है। इनमें से अमाड़ी को किसान खेतों में अन्य फसलों के साथ लगाते हैं। मुख्य रूप से इसका उपयोग रस्सी बनाने के लिए किया जाता है। परंतु इस पौधे की पत्तियों को सुखाकर भाजी के रूप में उपयोग किया जाता है। निमाड़ में बड़े ही चाव से इसे खाया जाता है। निमाड़ी साहित्यकार अंजू गीते ने बताया कि तुअर की दाल अधकचरी उबाली जाती है। अमाड़ी की भाजी को अलग से उबाला जाता है। फिर दोनों को मिलाकर छोंक लगाकर भाजी बनाई जाती है। इसके साथ लहसून, राई और तेल का तड़का तैयार किया जाता है। इसे भाजी में ऊपर से डाला जाता है। भाजी को मक्का और ज्वार के रोटे के साथ खाया जाता है।
अमाड़ी का स्वाद खट्टा होता है। इसका उपयोग इसे सुखाकर खाटाई के रूप मे भी किया जाता है। साथ ही साथ ताज़ी अमाड़ी की चटनी (धनिया और हरी मीच के साथ पीसकर) भी बनाकर खाई जाती है।